सभी को चरण स्पर्श..... सभी को चरण स्पर्श.....
गले मिलने की हैसियत नहीं है मेरी, बस चाहत है इतनी की आपके, चरणों में शरण मिल जाए मुझे...! गले मिलने की हैसियत नहीं है मेरी, बस चाहत है इतनी की आपके, चरणों में शरण मिल जाए...
क्या करूँ मैं निंदा पर की, अपने ही जब वक्त बदलते। क्या करूँ मैं निंदा पर की, अपने ही जब वक्त बदलते।
हिय से तुम करो श्रवण हिय से तुम करो श्रवण
लेगा चरणों की सुधि केवट तब ही पार ले जाए।। लेगा चरणों की सुधि केवट तब ही पार ले जाए।।
जो सफेद कपड़ा में थी और उसकी आँखों में आँसू थे। जो सफेद कपड़ा में थी और उसकी आँखों में आँसू थे।